दिल्ली नगर निगम का मेयर चुनाव स्थगित, LG पर भड़की आम आदमी पार्टी और कांग्रेस

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नई दिल्ली :- दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं होने पर शुक्रवार को होने वाली मेयर चुनाव को स्थगित कर दिया गया है.
मेयर चुनाव स्थगित होने पर आम आदमी पार्टी ने इसे लोकतंत्र के इतिहास में कल दिन करार दिया है, साथ ही इसके लिए भारतीय जनता पार्टी और उपराज्यपाल पर निशाना साधा है.

आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि किसी साजिश के तहत दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव टाला गया है.

वही इसको लेकर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है की दुर्गेश पाठक एवं सौरभ भारद्वाज दिल्ली नगर निगम महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर विवाद करने से पहले दिल्ली वालों को बतायें की बिना पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के दिल्ली नगर निगम का महापौर चुनाव क्यों घोषित किया गया.

इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों का नगर निगम सदन में नामांकन भी विवादित है क्योंकि उसमे भी नियमानुसार फाइल पर मुख्य मंत्री की सिफारिश होनी चाहिए थी जो इस बार नही है।

कपूर ने कहा है की सच यह है की निगमायुक्त एवं निगम सचिव नही चाहते थे की बिना सभी स्वीकृतियों के चुनाव घोषणा हो पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी नेताओं ने दबाव डाल कर घोषणा करवाई और उसी का परिणाम है की अब चुनाव को लेकर समस्या आ रही है।

निगम प्रशासन नियमानुसार पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल मुख्य सचिव से मुख्य मंत्री फिर मुख्य सचिव और उपराज्यपाल को जानी होती है पर मुख्य मंत्री के उपलब्ध ना होने से फाइल पूरी होने में समस्या आई है जिसके लिए अरविंद केजरीवाल के मुख्य मंत्री बने की जिद्द जिम्मेदार हे। आने वाले समय में ऐसे अनेक प्रशासनिक विवाद सामने आयेंगे।

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है की दुर्गेश पाठक का यह कहना की आज दिल्ली के लिए काला दिवस है हास्यास्पद है, दुर्गेश पाठक जान लें दिल्ली का काला दिवस तो 21 मार्च 2024 था जब दिल्ली के मुख्य मंत्री भ्रष्टाचार में गिरफ्तार हुए थे।

मेयर चुनाव टलने पर कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी का समर्थन करते हुए उपराज्यपाल के फैसले की निंदा की है

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निगम प्रभारी जितेन्द्र कुमार कोचर ने दिल्ली नगर निगम में दलित वर्ग के लिए आरक्षित मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी के बावजूद वोटिंग पर उपराज्यपाल द्वारा रोक लगाना संवैधानिक मूल्यों का हनन है। उन्होंने कहा कि यह वर्ष दलित वर्ग के मेयर के लिए आरक्षित था, जिस पर भाजपा के इशारे के कारण मेयर चुनाव पर रोक लगा दी गई, यह दिल्ली के दलित समाज का अपमान है।
 
जितेंदर कुमार कोचर ने कहा कि दिसम्बर 2022 से जब से दिल्ली नगर निगम में भाजपा की सरकार हटी है, प्रत्येक बार मेयर के चुनाव में भाजपा की औछी राजनीति और स्वयंभू बने रहने की सोच के कारण अड़चने आ रही है और पिछले दो वर्षो से निगम में स्थायी समिति के साथ जोन व वार्ड कमेटियों का गठन तक नही हुआ है। उन्होंने कहा कि नगर निगम को मजबूती देने हेतू  इंडिया गठबंधन के सहयोगी होने के चलते कांग्रेस पार्टी सत्ताधारी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने का ऐलान पहले ही कर चुकी है, जिससे भाजपा पूरी तरह बौखलाई हुई है। 
 
कांग्रेस प्रवक्ता अनुज आत्रेय ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी निगम में मेयर का चुनाव हआ था, उस समय दिल्ली नगर निगम में भाजपा सत्ता में थी और उसका मेयर बना था परंतु इस बार भाजपा बदले की भावना से राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम में मेयर का चुनाव समय पर होना चाहिए, अगर भाजपा मेयर चुनाव में दखलअंदाजी करती है इस मामले में न्यायालय को हस्तक्षेप करके मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव निश्चित समय पर कराना चाहिए।