भाजपा ने नीचता की सारी हदें की पार, प्राकृतिक आपदा की आड़ में दिल्ली को डुबोने की रची साजिश-दिलीप पांडे

News Sewa Desk

नई दिल्ली :- आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बाढ़ जैसे हालत पैदा करने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए हमला बोला. शनिवार को ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा ने नीचता की सारी हदें पार करते हुए प्राकृतिक आपदा की आड़ में दिल्ली को डुबोने की साचिश रची.

हमें जब भी लगता है कि अब भाजपा राजनीति में इससे नीचे नहीं गिरेगी, तभी वो अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ देती है. एक तरह से भाजपा गिद्धों से भी कहीं गई गुजरी पार्टी है. उसने दिल्लीवालों के जान की परवाह किए बिना हथिनी कुंड से पानी दिल्ली की ओर मोड़ दिया। दिल्ली के कुछ अफसर इस ताक में थे कि उधर भाजपा पानी छुड़वाएगी और इधर वे मंत्रियों के आदेश को नजरअंदाज कर चुपचाप बैठ जाएंगे। भाजपा ने दिल्लीवालों को मरने के लिए छोड़ दिया, लेकिन दिल्ली के बेटे अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। भाजपा की गंदी राजनीति को दिल्लीवाले अब समझ चुके हैं कि भाजपा को उनकी जान की नहीं, सिर्फ अपनी राजनीति की चिंता है।

‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में 8 और 9 जुलाई को ऐतिहासिक बारिश हुई थी। 6 महीनों में जितनी बारिश होनी चाहिए थी, वो केवल इन दो दिनों में हुई.करीब 153 एमएम के आसपास भारी बरसात ने दिल्ली के नालों और नदी को भरा तो लेकिन पानी निकल गया। मेरी विधानसभा में बारिश होने के 15 मिनट बाद ही पानी निकल गया. दिल्ली की सरकार ने इतना बेहतर ड्रेनेज सिस्टम बनाया और शानदार डिसिल्टिंग का काम किया है कि 8-9 जुलाई को बरसात के पानी की चिंता ही नहीं हुई.मगर 10 -15 जुलाई तक में दिल्ली के अंदर कोई भारी बरसात नहीं हुई है फिर भी यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा। इसकी वजह यह है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने दिल्लीवालों को बाढ़ में झोंकने का फैसला किया था।

उन्होंने कहा कि हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से सिर्फ यमुना की तरफ पानी छोड़ा गया। ईस्टर्न और वेस्टर्न कैनाल खाली पड़े है। ईस्टर्न कैनाल लगभग सूखा पड़ा है, जिससे यूपी में पानी जाता है। इसे लेकर वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा शुरू हुई और सवाल पूछे जाने लगे। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने आईटी सेल के जरिए बेतुके तर्क गढ़कर सबको बरगलाने की कोशिश की। 1977 के बाद से दिल्ली में रहने वाले लोग जानते हैं कि राजधानी में 1978 की बाढ़ भयावह थी। यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर था। मगर इस बार यह रिकॉर्ड भी टूटा और यमुना का जलस्तर 208.66 के ऊपर पहुंचा। फिर भी दिल्ली सरकार की तत्परता की वजह से दिल्लीवालों को वो भयावह मंजर नहीं देखना पड़ा।

विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली में बिन बारिश आई बाढ़ के पीछे की वजह जानना जरूरी है और भारतीय जनता पार्टी को इससे संबंधित सवालों का जवाब देने पड़ेगा। आईटी सेल के दो रुपए प्रति ट्वीट कमाने वाले बीजेपी के लोग तरह-तरह के तर्क गढ़ रहे हैं। कह रहे हैं कि ईस्टर्न वेस्टर्न कैनाल इतना पतला है कि उसमें पानी छोड़ने से फर्क ही नहीं पड़ेगा। वो केवल इरीगेशन के लिए है। यदि उसमें पानी छोड़ना ही नहीं था, तो बवाल मचने के बाद अचानक से पानी छोड़ना क्यों शुरू कर दिया। देश और दिल्ली के लोग देख रहे हैं कि अपनी गंदी राजनीति की दुकान चलाने के लिए, दंगा कराने वाली गुंडों-लफंगों की पार्टी लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है। गिद्ध मरी हुई लाशों पर गुजारा करते हैं, मगर भारतीय जनता पार्टी उनसे भी गुजरी पार्टी है। बीजेपी ने हथिनीकुंड बैराज का पानी बिना दिल्लीवालों की परवाह किए बगैर सीधे दिल्ली की तरफ मोड़ दिया। यह बताने के लिए ट्रोल छोड़ दिए कि रेगुलेट करना होता है या नहीं करना होता है।

उन्होंने कहा कि आजकल हर घर में पंखा होता है। दिल्ली के एक आम आदमी को भी पता है कि पंखे के रेगुलेटर का काम पंखे की रफ्तार को कम या ज्यादा करना होता है। हथिनी कुंड बैराज पर रेगुलेटर इसलिए ही बनाया गया है, ताकि पानी की दिशा और पानी के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सके। अगर अरविंद केजरीवाल के निवेदन पर दिल्लीवालों की हित की चिंता करते हुए बीजेपी सियासत से थोड़ा ऊपर उठ गई होती और हथिनीकुंड बैराज के रेगुलेटर को रेगुलेट करके धीरे-धीरे यमुना में पानी छोड़ने के साथ-साथ कैनाल में भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया होता, तो आज राजघाट, आईटीओ, सुप्रीम कोर्ट तक पानी नहीं पहुंच पाता।

विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने समय पर कार्रवाई करते हुए और सक्रियता दिखाते हुए डूब क्षेत्र से लोगों को निकाला और राहत शिविरों में पहुंचाया। उनके भोजन और दवाइयों का इंतजाम किया। वरना बीजेपी और उनके अफसर कमर कसकर बैठे थे कि उधर भाजपा पानी छुड़वाएगी और इधर अधिकारी मंत्रियों के निर्देशों को नजरअंदाज करेंगे। बीजेपी ने तय किया था कि दिल्ली के अंदर पानी छोड़कर डूब क्षेत्र में लोगों को मरता हुआ छोड़ देंगे। मगर दिल्लीवालों ने अरविंद केजरीवाल के रूप में अपना बेटा चुना है, जिसे दिल्लीवालों की चिंता है। जिसके मंत्री रात-रातभर दौरा कर बैराजों पर डटे रहे और बैराज के बंद गेट खुलवाने में लगे रहे। बीजेपीवाले अधिकारियों को मना करते रहे कि अगर फोन करें तो उठाना मत और मैसेज का जवाब मत देना। ऐसे में कुछ अधिकारी डर में मान गए और कुछ लालच में मान गए।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता भी मान गई कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार को दिल्ली की जनता की जान की कोई चिंता नहीं है, बल्कि बीजेपी को सिर्फ अपनी गंदी सियासत की भट्टी में दिल्लीवालों की कुशलता को झोंकना है। आम आदमी पार्टी के विधायक, मंत्री, पार्षद, मेयर आदि लगातार ग्राउंड पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। राहत शिविरों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और लोगों को खाना-दवाइयां पहुंचा रहे हैं। हम सब दिल्लीवाले मिलकर न केवल बीजेपी की गंदी नियत का सामना करेंगे, बल्कि गंदी नियत को हराएंगे भी।