नई दिल्ली :- दिल्ली में पैदा सीवर संकट को लेकर जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने मुख्य सचिव को एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड में जानबूझ कर वित्तीय संकट पैदा कर दिल्लीवालों का जीवन नर्क में डाला गया है। उन्होंने सीवर ओवरफ्लो की समस्या पर गंभीर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव को कड़े निर्देश जारी किए हैं। वहीं, बार-बार मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जल मंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया। जलमंत्री ने स्पष्ट निर्देश जारी कर कहा है कि सीवर संबंधित संकट के समाधान की निगरानी करना मुख्य सचिव की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा है कि इस तरह से सीवर ओवरफ्लो होने के चलते कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं और इससे दिल्ली में गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है.
दिल्ली जल बोर्ड में जानबूझकर वित्तीय संकट पैदा कर दिल्ली को बना दिया नर्क- आतिशी
जलमंत्री आतिशी ने कहा है कि अधिकारियों की इस लापरवाही से शहर में पैदा हुए सीवर संकट की वजह से दिल्ली महामारी के कगार पर पहुंच गई है। ऐसे में उन्होंने मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में निर्देश दिए हैं कि शहर के हर हिस्से में पर्याप्त संख्या में मैन पावर और मशीन की तैनाती की जाए, ताकि सीवर ओवरफ्लो की समस्या न हो। साथ ही अगले 48 घंटों के अंदर जलबोर्ड को आवंटित बजट में से पर्याप्त धन जारी किया जाए और जलबोर्ड में जानबूझ कर फंड की कमी पैदा करने के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बता दें कि लोगों से मिल रही सीवर समस्याओं को लेकर बुधवार को जल मंत्री आतिशी ने उत्तम नगर में मोहन गार्डन डी ब्लॉक, ए-एक्सटेंशन मोहन गार्डन और डीके रोड का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान जल मंत्री ने पाया कि कई गलियों में सीवर का पानी बाहर बह रहा है, इससे लोगों को काफ़ी परेशानी हो रही है और गालियां भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। लोग नारकीय स्थिति में रहने के लिए मजबूर है और गलियों में चलना फिरना भी दूभर है। इस प्रकार के सीवरेज ओवरफ़्लो से कई बीमारियां पैदा हो सकती है जो एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकती है।
यहां जलमंत्री आतिशी ने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो लोगों ने बताया कि वे वर्षों से इस इलाके में रह रहे हैं, लेकिन इस तरह का सीवरेज संकट पहले कभी नहीं देखा है। लोगों ने उन्हें बताया कि जब वे जलबोर्ड के फील्ड स्टाफ को अपनी शिकायतें देते हैं तो वो कहते हैं कि उनके पास मशीनों की कमी है, सीवर रखरखाव के लिए स्टाफ की कमी है और उनके पास बजट नहीं है। इसलिए सीवर लाइन नहीं बदल सकते और फंड नहीं है। इसलिए सीवर मशीनें नहीं बढ़ सकतीं है।
निरीक्षण के दौरान स्थानीय विधायक ने भी जलमंत्री से साझा किया कि पिछले साल तक उत्तम नगर विधानसभा में सीवर और पानी की पाइपलाइनों के रखरखाव के लिए 73 कांट्रैक्ट लेबर तैनात थे, लेकिन इस साल इसे घटाकर महज 18 लोगों तक सीमित कर दिया गया है। साथ ही, पूरी विधानसभा में पिछले साल 14 सीवर सफाई मशीनें तैनात की गई थीं जो अब घटकर सिर्फ 7 मशीनें रह गई हैं।
लोगों से मिले इस इनपुट पर जलमंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा है कि जब फील्ड पर पर्याप्त मात्रा में लेबर और मशीनें नहीं है तो सीवर रखरखाव और सीवर ओवरफ़्लो की समस्या को कैसे दूर किया जाएगा?
मंत्री ने आगे कहा है कि दिल्ली विधानसभा ने इस वित्त वर्ष में दिल्ली जल बोर्ड को 7195 करोड़ रुपए आवंटित किया है जो दिल्ली के कुल बजट का लगभग 9 फीसद से अधिक है। इस बजट को मंत्रिपरिषद, एलजी, गृह मंत्रालय और दिल्ली विधानसभा द्वारा अनुमोदित किया गया है। इसके बावजूद पूरे वित्तीय वर्ष में दिल्ली जल बोर्ड को अब तक सिर्फ़ 400 करोड़ रुपए ही जारी किए गए हैं।
जलमंत्री आतिशी ने कहा है कि जल बोर्ड की फ़ाइलें शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के बीच घूमती रहती हैं लेकिन डीजेबी को पैसा नहीं मिलता है। जलबोर्ड में अफ़सरों द्वारा जानबूझकर पैदा किए गए फण्ड के इस कृत्रिम संकट के कारण दिल्ली के लोग नारकीय स्थित में रहने को मजबूर हैं। जब सरकार ने डीजेबी के लिए एक बड़ा बजट आवंटित कर दिया है, तब भी जमीन पर मशीनरी और लेबर की पर्याप्त मात्रा में तैनाती नहीं की जा रही है। ऐसे में जमीन पर मशीनरी और लेबर की कमी को दूर करने की ज़रूरत है। वरना फाइलें बंद करने और डीजेबी में वित्तीय संकट पैदा करने में व्यस्त अधिकारियों के खिलाफ दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और महामारी जैसी स्थिति पैदा करने के लिए एक्शन लिया जाएगा।
*जलमंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश-*
1. दिल्ली के हर हिस्से में पर्याप्त संख्या में लेबर और मशीनों की तैनाती के सुनिश्चित की जाए ताकि सीवर ओवरफ्लो न हो और दिल्ली के लोगों को असुविधा न हो।
2. अगले 48 घंटों के भीतर डीजेबी को आवंटित बजट में से धनराशि जारी किया जाए।
3. जानबूझकर वित्तीय संकट पैदा करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिनके कारण दिल्ली एक बड़े स्वास्थ्य संकट के मुहाने पर खड़ा है।
जलमंत्री आतिशी ने कहा है कि दिल्ली में पैदा सीवर संबंधी संकट के समाधान की निगरानी करना मुख्य सचिव की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी और इसमें किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।