नई दिल्ली :- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने झारखंड पुलिस के साथ मिलकर तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में शामिल रही एक महिला नक्सली को गिरफ्तार किया है. 23 वर्षीय महिला आरोपी झारखंड की रहने वाली है और दिल्ली में अपनी असली पहचान छिपाकर रह रही थी.
गुप्त सूचना पर हुई गिरफ्तारी
डीसीपी क्राइम ब्रांच विक्रम सिंह ने बताया की , एनसीआर क्षेत्र में माओवादियों और चरमपंथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के दौरान पुलिस को एक महिला नक्सली के बारे में विश्वसनीय सूचना मिली. बताया गया कि यह महिला सीपीआई (माओवादी) नक्सली समूह की सदस्य है और फर्जी नाम से दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में रह रही है.
सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर लक्ष्मण के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें एसआई देवेंद्र, एसआई प्रवीण, एसआई जितेंद्र, एएसआई जोगिंदर, एचसी सोहित, एचसी सूर्या और डब्लू/एचसी बीप्ति शामिल थे. टीम ने महाराणा प्रताप एन्क्लेव, पीतमपुरा में छापेमारी कर महिला को गिरफ्तार कर लिया.
नक्सली संगठन में बचपन से जुड़ी
गिरफ्तार महिला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुदबुरा गांव की रहने वाली है। उसका जन्म 1 जनवरी 2002 को हुआ था और वह केवल कक्षा 2 तक ही पढ़ सकी। इसी दौरान, गांव का एक माओवादी उससे संपर्क में आया और बेहतर जीवन, भोजन और सुरक्षा का लालच देकर उसे अपने साथ ले गया।
2016 में, उसने रमेश के नेतृत्व वाले सीपीआई (माओवादी) समूह को जॉइन कर लिया, जिसका शिविर कोल्हान जंगल की पहाड़ियों में स्थित था। वहां लगभग 300-450 नक्सली रहते थे, जिनमें 40-50 महिलाएं और 4-5 बच्चे शामिल थे। केवल 10 साल की उम्र में वह जीवन कंडुलना के कुख्यात नक्सली शिविर का हिस्सा बन गई और पांच साल तक कठोर प्रशिक्षण लिया।
हथियारों और मुठभेड़ों में सक्रिय भूमिका
पूछताछ में सामने आया कि उसने एसएलआर, इंसास, एलएमजी, हैंड ग्रेनेड और 303 राइफल सहित कई आधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण लिया था.गश्त के दौरान वह इंसास राइफल लेकर चलती थी.
2018 में उसने कोल्हान जंगल में झारखंड पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में हिस्सा लिया। इसके बाद, 2019 में पोराहाट और 2020 में सोनुआ में अपने कमांडर जीवन कंडुलना के साथ मिलकर पुलिस से भिड़ी.
दिल्ली में छिपने की योजना
2020 में, संगठन के निर्देश पर वह दिल्ली आ गई.यहां अपनी असली पहचान छिपाकर उसने नोएडा और दिल्ली के कई इलाकों में घरेलू सहायिका के रूप में काम किया। अंततः वह पीतमपुरा में बस गई, जहां वह गुप्त रूप से रह रही थी।
क्राइम ब्रांच अब उससे पूछताछ कर रही है और झारखंड पुलिस से समन्वय कर आगे की कार्रवाई की जा रही है