नई दिल्ली :-दिल्ली नगर निगम (MCD ) वार्ड समिति और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव बुधवार को नहीं हो सकते है.
मेयर डॉ शैली ओबेरॉय नने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से किया इंकार कर दिया है
उन्होंने कहा की मेरी अंतरात्मा अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत नहीं देती है
मेयर ने कहा की एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए इतना कम समय पहले कभी नहीं दिया गया है.
केवल एक दिन की नोटिस देने के चलते नामांकन दाखिल करने में असमर्थ पार्षदों से कई ज्ञापन प्राप्त हुए हैं.
उन्होंने कहा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए नामांकन के लिए पर्याप्त समय दिया जाना आवश्यक है.
मेयर ने कहा की मेरे निर्देश देने के बाद भी नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए, ऐसे में नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ एक दिन कैसे दिया जा सकता है?
मेयर ने आयुक्त को नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देकर चुनाव प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया है.
मेयर के इस फैसले पर
दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा है की निगम वार्ड समितियों के पीठासीन अधिकारी ना नियुक्त करना महापौर डा. शैली ओबरॉय एवं आम आदमी पार्टी की ना सिर्फ वार्ड समिति बल्कि स्टैंडिंग कमेटी में भी हार की स्वीकृति है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है की नगर निगम के दो साल आम आदमी पार्टी ने बर्बाद कर दिए हैं, वार्डों में विकास कार्य ठप्प हैं.ऐसी स्थिती बन गई है जहाँ नगर निगम आयुक्त को संवैधानिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करवाना होगा.
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि एमसीडी वार्ड समितियों के चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति से इनकार करके मेयर डॉ. शेली ओबेरॉय ने लोकतंत्र की हत्या की है.
शेली ओबेरॉय को बर्खास्त करने की जरूरत है क्योंकि उन्होंने मेयर के रूप में रहने के लिए सभी संवैधानिक और नैतिक अधिकार खो दिए हैं और उन्होंने एमसीडी को संभावित विघटन के कगार पर धकेल दिया है.