मुख्यमंत्री से मिले इंडियन रिकवर्ड पेपर्स ट्रेडर्स एसोसिएशन बजट पर दिए अपने सुझाव

News Sewa Desk

नई दिल्ली : दिल्ली की भाजपा सरकार द्वारा आम जन के सहयोग से बनाए जाने वाले बजट के संदर्भ में सरकार के आमंत्रण पर दिल्ली के व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिला. इस प्रतिनिधि मंडल में ” इंडियन रिकवर्ड पेपर्स ट्रेडर्स एसोसिएशन ” के महामंत्री एवं पेपर मर्चेंट राजीव शर्मा भी शामिल रहे.

राजीव शर्मा ने एसोसिएशन की ओर से रेखा गुप्त को मुख्यमंत्री बनने व उनके द्वारा व्यापारियों और उद्यमियों की सुध बजट से पहले लिए जाने के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें गर्व महसूस हो रहा है कि किसी व्यापारिक परिवार की पत्नी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी है और बजट से पहले पहली बार दिल्ली के व्यापारियों को बुलाकर बजट के निर्माण में उनका सहयोग मांगा जा रहा है.

” इंडियन रिकवर्ड पेपर्स ट्रेडर्स एसोसिएशन ” के महामंत्री राजीव शर्मा ने मुख्य मंत्री से कहा कि हमारी संस्था की तरफ से गुजारिश है व्यापार हित में अन्य प्रदेशों की भांति दिल्ली में भी व्यापारिक कल्याण बोर्ड बनाया जाए. जिससे कि उनकी समस्याओ का समय से समाधान हो सके.

एसोसिएशन की ओर से सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव भी रखा गया कि जीएसटी पर व्यापारियों से कोरोना टाइम के केसों पर डिमांड तत्काल खत्म की जाए. जिससे कि वो भी राहत की सांस ले सकें. दिल्ली के वरिष्ठ सीनियर सिटीजन व्यापारियों को जो जितना जीएसटी देता है.उसके हिसाब से उसको सरकार द्वारा मेडिकल फैसिलिटी दी जानी चाहिए.

राजीव शर्मा ने यह भी कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि दिल्ली में जो कूड़े के ऊंचे ऊंचे पहाड़ जो भयावह स्थिति में है. इनके निपटान में हमारी संस्था को भागीदार बनाया जाए.क्योंकि संस्था की भागीदारी इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है.

उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव भी रखा कि सरकार को ” वेस्ट पेपर ” पर जी एस टी कम करना चाहिए.क्योंकि इस कार्य में जुटे वर्ग का दिल्ली की सफाई व्यवस्था में भी बहुत बड़ा योगदान रहता है. ज्ञात रहे इस कार्य में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे गरीब लोग भी काम करते हैं जो ज्यादा पढ़े लिखे भी नहीं होते

उन्होंने दिल्ली को विश्व स्तरीय शहर बनाने के मद्देनजर भिखारी मुक्त बनाने का भी प्रस्ताव रखा. ज्ञात रहे आज दिल्ली के हर चौराहे पर भिखारी की संख्या बढ़ रही है. खबर है कि भीख मांगने वाले भी ठेके पर बाहर से लाए जाते हैं.