नई दिल्ली/एम.खान :-
दिल्ली नगर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रह करने वाले प्राथमिक वाहनों के रूट को लेकर बड़ा फैसला लिया है. ई-एसबीएम सिस्टम के दुरुपयोग और समय पर कचरा न उठाए जाने की शिकायतों के बाद एमसीडी ने आदेश जारी करते हुए रूट संशोधन का अधिकार अब सीधे ज़ोनल डिप्टी कमिश्नर (डीसी) को दे दिया है.
सदीप कपूर ने उठाई थी गड़बड़ियों की बात
DEMS कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने 13 नवम्बर 2025 को कमिश्नर को भेजे पत्र में बताया था कि विभिन्न वार्डों से शिकायतें मिल रही हैं कि ई-एसबीएम पोर्टल पर वाहनों की एंट्री तो दिखाई जाती है, लेकिन कई वाहन केवल तय प्वाइंट्स पर जाकर औपचारिकता पूरी कर रहे हैं और वास्तविक कचरा संग्रह नहीं कर रहे.
संदीप कपूर ने कहा था कि GPS आधारित सिस्टम का गलत इस्तेमाल हो रहा है और वाहन समय कवरिंग पॉइंट में ही व्यर्थ कर रहे हैं.
संदीप कपूर की चार मुख्य मांगें
संदीप कपूर ने अपने पत्र में सिस्टम सुधार के लिए चार मांगें रखी थीं—
1. कलेक्शन पॉइंट्स की संख्या घटाकर केवल 5 की जाए.
2. वार्ड एसआई और काउंसलर की प्रतिक्रिया को कंसेशनर द्वारा गंभीरता से लिया जाए, ताकि वार्ड की सफाई सही तरीके से हो.
3. हर महीने वार्ड एसआई और काउंसलर का फीडबैक XEN DEMS द्वारा अनिवार्य रूप से लिया जाए और इसका एक निर्धारित फॉर्मेट बनाया जाए.
4. इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाकर स्थिति का समाधान किया जाए.
संदीप कपूर ने कहा था, “ई-एसबीएम सिस्टम का दुरुपयोग रोकना जरूरी है.वाहनों को केवल प्वाइंट कवर करने की जगह समय पर कचरा उठाना चाहिए, तभी साफ-सफाई का उद्देश्य पूरा होगा.
एमसीडी का फैसला — अब ज़ोनल डीसी करेंगे रूट में बदलाव
संदीप कपूर की शिकायत और ज़ोनल अधिकारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए एमसीडी ने आदेश जारी कर कहा कि—
* प्राथमिक वाहनों के रूट बदलने/संशोधित करने की शक्ति अब ज़ोनल डीसी के पास होगी.
* कंसेशनर की जवाबदेही तय रहेगी और उन्हें निर्धारित रूट चार्ट के अनुसार काम करना होगा.
* किसी भी सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट पर रुकने का न्यूनतम समय तय नहीं किया जाएगा.
* सभी रूट अपडेट्स ई-एसबीएम पोर्टल पर ज़ोनल डीसी द्वारा डाले जाएंगे.
एमसीडी ने साफ किया है कि यह निर्णय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर और समयबद्ध बनाने के लिए लिया गया है.
