ईद-उल-अजहा 7 जून को मनाई जाएगी, शाही मस्जिद से सैयद शाबान बुखारी ने चांद दिखने का किया ऐलान

News Sewa Desk

नई दिल्ली : दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के नायब शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने बुधवार शाम ईद-उल-अजहा (बकरीद) का चांद नजर आने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से चांद दिखने की खबरें प्राप्त हुई हैं, जिसके आधार पर निर्णय लिया गया है कि बकरीद 7 जून 2025 (शनिवार) को पूरे भारत में मनाई जाएगी

शाम करीब 7:42 बजे, जामा मस्जिद से जारी अपने बयान में शाबान बुखारी ने जानकारी दी कि चांद नजर आने के बाद धार्मिक कमेटी ने यह फैसला लिया। उन्होंने देशवासियों को आगामी ईद-उल-अजहा की अग्रिम मुबारकबाद भी दी.

इस मौके पर उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता और मौजूदा शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की तबीयत इन दिनों नासाज़ है और उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.उन्होंने सभी से अपील की कि शाही इमाम की सेहत के लिए दुआ करें.

बकरीद: बलिदान और समर्पण का पर्व

ईद-उल-अजहा इस्लाम धर्म का एक प्रमुख और पवित्र त्योहार है, जिसे कुर्बानी की ईद भी कहा जाता है। यह पर्व पैगंबर हज़रत इब्राहीम (अलैहि सलाम) की उस महान कुर्बानी की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने अल्लाह के आदेश पर अपने पुत्र की कुर्बानी देने का निश्चय किया था.

हालाँकि, अल्लाह ने उनकी नीयत को कुबूल करते हुए एक जानवर को भेज दिया, जिसे उन्होंने कुर्बान किया. इसी घटना की याद में मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन जानवरों की कुर्बानी देते हैं और अल्लाह के प्रति अपनी आस्था व भक्ति प्रकट करते हैं. कुर्बानी का गोश्त तीन हिस्सों में बांटा जाता है—एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को, एक रिश्तेदारों व दोस्तों को, और एक हिस्सा अपने लिए रखा जाता है.

शांति और भाईचारे का संदेश

देशभर की मस्जिदों के इमामों ने सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे इस पवित्र अवसर पर शांति, सौहार्द और इंसानियत का संदेश फैलाएं.उन्होंने लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने का भी आग्रह किया है.