
यमुनापार के इन इलाकों में कब चलेगा बुलडोजर ..
नई दिल्ली . जहांगीरपुरी हिंसा के बाद कुंभकरण की नींद से जागा दिल्ली नगर निगम बुलडोजर लेकर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान का दावा कर रहा है . अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रेहड़ी पटरी वालों को हटाया जा रहा है , उनके सामानों को जप्त कर वापस नहीं देने की बात की जा रही है , लेकिन भारतीय जनता पार्टी शासित निगम उन लोगों की अतिक्रमण पर आंखें मूंदे बैठा है , जिन्हें वह अपना वोट बैंक समझती है.
दरअसल अतिक्रमण के खिलाफ अभियान एक अच्छा कदम है , इसकी प्रशंसा भी होनी चाहिए क्योंकि सरकारी जमीन पर कब्जा और सड़कों पर अतिक्रमण दुर्घटनाओं को भी जन्म देता है , लेकिन अगर यह अभियान कुछ खास इलाके में हो तो इस पर सवाल उठना लाजमी है .
दिल्ली के यमुना पार इलाके की बात करें तो इस क्षेत्र में कोई ऐसी सड़क नहीं जिस पर अतिक्रमण नहीं हो. पुलिस और निगम की मिलीभगत से सड़कों पर अतिक्रमण किया जाता है. रेहड़ी पटरी लगाने वालों से मासिक वसूली की जाती है.
कई इलाकों में तो बड़े-बड़े दुकानदार इस अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं वह न केवल अपने सामानों को फुटपाथ पर रखते हैं बल्कि अपने दुकानों के आगे किस सड़क को ही रेहड़ी पटरी वालों को किराए पर देकर मोटी कमाई करने में जूटे हैं.
जमुना पार के बड़े अतिक्रमण क्षेत्र की अगर हम बात करें तो एशिया के सबसे बड़े कपड़ा मार्केट में अतिक्रमण की भरमार है दुकानदारों ने अपनी दुकानों को सड़कों तक बड़ा रखा है जो इस इलाके मैं जाम की सबसे बड़ी वजह है.
इसके बाद दिल्ली के मिनी कनॉट प्लेस के नाम से मशहूर कृष्णा नगर की बात करे तो वहां के दुकानदारों ने भी सड़क पर कब्जा जमा रखा है.
गीता कॉलोनी का भी वही हाल है वहां दर्जनों स्कूटर दुकान है जो फुटपाथ ऊपर ही सजती है.
हम बात लक्ष्मी नगर इलाके की करे तो निगम के बड़े अतिक्रमण अभियान के बाद भी क्षेत्र में अतिक्रमण जारी है. हालांकि मंगल बाजार में निगम ने अवैध दुकानों को छोड़कर सराहनीय काम किया है.
इसके साथ ही जगतपुरी मार्बल मार्केट में सबवे पर दुकानदारों का कब्जा है. कल्याणपुर इलाके में सड़क पर ही कूलर मार्केट खुल गया है. खिचड़ीपुर के फर्नीचर बाजार में दुकानदारों ने भी सड़कों पर कब्जा जमा रखा है.
शाहदरा नॉर्थ जोन में भी अतिक्रमण की भरमार है जाफराबाद, सीलमपुर ,ब्रह्मपुरी , सीमापुरी , मुस्तफाबाद मैं भी अतिक्रमण की भरमार है इन इलाकों में भी सबके बड़ी समस्या कबाड़ी वालों की है जो सड़क पर अतिक्रमण की वजह है .
लोगों का मानना है कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान बिना किसी भेदभाव के किया जाना चाहिए, राजनीतिक फायदे के बजाय लोगों के हित को ध्यान में रखकर अतिक्रमण के खिलाफ बड़े और निर्णायक अभियान की जरूरत है साथ जिम्मेदारी भी तय करने की जरूरत है ताकि अतिक्रमण हटने के बाद दोबारा से नहीं हो.