
निगम को निजी हाथों में सौपने के अलावा कोई कार्य नहीं हुआ है :- मनोज त्यागी
नई दिल्ली . पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष मनोज कुमार त्यागी ने कहा कि महापौर निर्मल जैन ने अपने कार्यकाल में निगम को पीछे ढकलने का कार्य किया है और जो उपलब्धियाँ गिनायी गयी है सीधे षब्दों में कहें तो निगम को कंगाल, खोखला एवं निजी हाथों में सौपने के अलावा अन्य कोई कार्य नहीं हुआ है जिसका उदाहरण प्रकार है :-
1. सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ डॉक्टर्स, नर्स, अन्य हेल्थ वकर्स और अन्य कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना।
2. निगम का मुख्य कार्य सफाई का है। भाजपा नेताओं ने निजी स्वार्थ पूर्ति एवं निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सफाई के कार्य को निजी हाथों में सौंप दिया। इस कार्य को निगम केवल लगभग 70 करोड़ रूपये में कर रहा था उसी कार्य को करने पर निगम को अब लगभग 220 करोड़ रूपये सलाना खर्च होगा अर्थात् अब निगम को इस कार्य के लिए लगभग 150 करोड़ रूपये अतिरिक्त खर्च करना होगा।
3. निजी कंपनी को टेण्डर देने की वजह से निगम के पास, जो 80 ट्रक एवं तकरीबन 20 जेसीबी व अन्य मषीनरी जो सफाई के कार्य में लगे हुए थे, ये बेकार हो गये।
4. 150 ड्राईवर, जो स्थायी है, निजी कंपनी को कूड़ा उठाने का टेण्डर देने की वजह से अब इनके पास कोई कार्य नहीं है।
5. 20 नये डीजल कॉम्पैक्टर लोडर ( जबकि दिल्ली में डीजल गाड़ी बैन है) जिसे खरीदे अभी लगभग 9 माह हुए हैं जिसका अंभी तक त्महपेजतंजवद तक नहीं हुआ है। उनमें खड़े-खड़े जंग लग रहा है।
6. मैसर्स एमआई2सी कंपनी सस्ती दर पर सेक्यूरिटी गार्ड उपलब्ध करा रही थी। जबसे मैसर्स वेल प्रोजेक्ट मैनपावर प्राईवेट लिमिटेड को टेण्डर दिया गया है। यह कंपनी प्रति व्यक्ति 4000/- रूपये मंहगी पड़ रही है व अपरिपक्व है।
7. हाउस टैक्स के लिए यूपिक आईडी बनाने पर 408 रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से पूर्वी निगम करोड़ रूपये व्यय कर चुकी है, जो व्यर्थ हैं जिसकी वजह से आम नागरिक अपनी पुरानी आईडी से अपना हाउस टैक्स जमा नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण आम नागरिकों को काफी परेषानियों को सामना करना पड़ रहा है और निगम को हाउस टैक्स विभाग से जितनी आमदनी होनी चाहिए थी वह नहीं हो पा रही है।
8. कोर्ट की फटकार से 250 ऑटो टिप्पर प्रोवाईडर को भ्रश्टाचार करने के लिए समयावधि से पहले समाप्त कर दिया गया और कोर्ट की दखल व दवाब के बाद टिप्पर कंपनियों को 250 टिप्पर को जबदस्ती काम देना पड़ रहा है।
9. भाजपा कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए लाखों रूपये खर्च कर वाईफाई योजना को लागू किया गया।
10. स्वामी दयानन्द अस्पताल में करोड़ों रूपये के रखरखाव ( डंपदजंपदंदबम ) पर खर्च करने के बाद भी अस्पताल की एक भवन में लैंटर गिरने से माँ-बेटे जख्मी हुए और इनकी जान मुष्किल से बची।
11. ट्रॉमेल मषीन, जिस मषीन की कीमत लगभग 50 लाख रूपये है, इन ट्रॉमेल मषीनों को चलाने के लिए निगम द्वारा 75.48 लाख रूपये किराये पर लिया गया है जिस पर 48 करोड़ रूपये अतिरिक्त खर्च हो रहा है।
12. पार्कों में मोबाईल टावर लगवाकर, पार्कों को खराब करने व आम नागरिकों के जान से खिलवाड़ करने का कार्य सत्तासीन भाजपा द्वारा किया गया।
13. लॉक डाउन के समय आम नागरिकों से पार्किंग षुल्क वसूलने वाले ठेकेदारों का करोड़ों रूपये माफ कर निगम राजस्व को नुकसान पहुचाने का कार्य किया गया है।
14. स्वच्छ सर्वेक्षण में पूर्वी निगम को 47 षहरों में से 46वॉं स्थान आना, मेयर साहब की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
15. जनरल ट्रेड एवं स्टोरेज लाईसेंस फीस को श्रेणी अनुसार कई गुणा बढ़ा दिया गया जैसे ए एव ंबी श्रेणी के 10 स्क्वायर मीटर तक 200/- के स्थान पर 3000/-, सी एवं डी श्रेणी के 200/- रूपये के स्थान पर 2000/- एवं ई, एच, जी एवं एच 200/- के स्थान पर 1000/-रूपये इसके साथ अन्य श्रेणियों के लाईसेंस में बेतहाषा वृद्धि की गयी है।
नेता विपक्ष ने कहा कि हमने विपक्ष की भूमिका निभाते हुए तमाम मुद्दों को सदन के अन्दर एवं बाहर पुरजोर तरीके से रखा साथ ही साथ पत्र लिखकर महापौर साहब व पूर्वी निगम के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने का कार्य किया। लेकिन अंधी, गूंगी, बहरी भ्रश्ट भाजपा के नेताओं ने एक भी मामले पर संज्ञान नहीं लिया। इससे साफ पता चलता है कि दिल्ली नगर निगम में बैठे भाजपा नेता जनता के लिए नहीं सिर्फ अपनी जेबे भरने के लिए कार्य कर रहे हैं।