
हादसें से भी नहीं जाग रहा निगम, धड़ल्ले से खड़ी हो रही मौत की इमारत
नई दिल्ली . साउथ कैंपस स्थित सत्य निकेतन में निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने से 2 मजदूर की जान चली गई जबकि 4 मजबूर जिंदगी और मौत से जूझ रहें . आए दिन हो रही इस तरह की घटना से भी पूर्वी दिल्ली नगर निगम ( edmc ) नहीं जागा है .
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के ज्यादातर वार्डो में निगम अधिकारियों और पुलिस के गठजोड़ से अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है . जिसको रोकने वाला कोई नहीं है . निगम के वरिष्ठ अधिकारी और निगम के नेता भी क्षेत्र में धड़ल्ले से बन रही मौत की इमारत पर आंखे मूंदे बैठे है .
शास्त्री पार्क , प्रीत विहार , गांधी नगर , शाहदरा ,पटपड़गंज , मयूर विहार , अनारकली , घड़ोली, विनोद नगर , पांडव नगर सहित कोई भी ऐसा वार्ड नहीं जहा अवैध निर्माण नहीं हुआ है. इन क्षेत्रों में 4 से 6 मंजिला तक बिल्डिंग का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है .
पूर्वी दिल्ली नगर निगम ( mcd) क्षेत्र में बन रही ज्यादातर बिल्डिंग बिना नक़्शे के ही बनाई जा रही है , जिसपर नजर रखने वाला कोई नहीं है . जिन अधिकारियों को इसपर नजर रखने की जिम्मेदारी है .वही अधिकारी बिना नक्से के भवन निर्माण कराने में लिप्त है और उगाही करते है . इस भ्रष्ट अधिकारियों पर नजर रखने वाला कोई नहीं है .
बताया जाता है कि मौत की इमारत खड़ा करने में शामिल निगम के भवन विभाग के अधिकारीयों की संपत्ति की जांच की जा जाए तो इस पूरे रैकेट का भांडाफोड़ खुद हो जाएगा .
आपको बता दें कि वर्ष 2010 में दिल्ली का सबसे बड़ा बिल्डिंग हादसा हुआ था , पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके के ललिता पार्क ( lalita park building collapse ) में अवैध रूप से बनाई गई , पांच मंजिला बिल्डिंग के गिरने से 70 लोगों को जान चली गई थी , इस हादसे में बाद निगम पर गंभीर सवाल उठा था , लेकिन 70 लोगों की मौत के बाद भी निगम नहीं जागा और अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है .