नई दिल्ली : संसद में दिल्ली सेवा विधेयक 2023 पारित हो गया , 131 वोट बिल के समर्थन में पड़े जबकि विरोध में पड़े 102 वोट पड़े .
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संसद में दिल्ली सेवा विधेयक 2023 के पारित होने का स्वागत किया है और कहा है कि 7 अगस्त 2023 दिल्ली के इतिहास में एक उल्लेखनीय तारीख बन गई है क्योंकि से दिल्ली का प्रशासन संविधान की भावना के अनुसार चलेगा.
संविधान ने दिल्ली को एक राष्ट्रीय राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश के रूप में देखा था, लेकिन दुर्भाग्य से सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपनी राजनीतिक संख्या बल का हवाला देकर उस प्रशासनिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने की कोशिश की जिसके साथ दिल्ली का प्रशासन पिछले 7 दशकों से चल रहा था.
सचदेवा ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में यह देखना चौंकाने वाला रहा है कि सीएम केजरीवाल और उनके मंत्री अपने अराजक शासन एजेंडे का समर्थन करने के लिए अधिकारियों को मारने पीटने की कोशिश तक कर गये है
जिस तरह से केजरीवाल सरकार ने अधिकारियों को फेलोशिप नौकरियों पर अपने 437 पार्टी कैडरों की नियुक्ति की अनुमति देने को बाध्य किया, एक हजार से अधिक अन्य पार्टी कैडरों को समवर्ती और अनुबंध नौकरियों पर नियुक्त करवाया, वह अरविंद केजरीवाल सरकार के तहत प्रशासनिक भ्रष्टाचार के बारे में बहुत कुछ बताता है.
सचदेवा ने कहा है कि चाहे पूर्व मुख्य सचिव के साथ दुर्व्यवहार की घटना हो या 2 वरिष्ठ महिला आईएएस से दुर्व्यवहार या दिल्ली के सचिव सेवा और सचिव सतर्कता को मनमाने ढंग से स्थानांतरित करने की कोशिश और आधी रात को सचिव सतर्कता के कार्यालय का ताला तोड़ने की घटनाएं, सभी ने केंद्र सरकार को दिल्ली सेवा विधेयक 2023 लाने के लिए मजबूर करने में योगदान दिया है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि इस विधेयक के पारित होने से 2015 से चल रहे अराजक शासन प्रक्रिया का अंत हो गया है.