
अपने फायदे के लिए पार्षद MCD एक करने को फायदेमंद बता रहें है , जानें क्या है वजह
नई दिल्ली . दिल्ली नगर निगम ( Delhi Municipal corporation ) को एक करने की केंद्र सरकार ( Central Government ) की मंशा से रोटेशन के बाद अपनी सीट गवाने वाले पार्षदों (councillor ) में उम्मीद की किरण जग गई है . इन पार्षदों को लगता है कि दिल्ली नगर निगम (MCD ) को अगर एक ( Mcd unification ) किया जाता है . तो एक बार फिर से रोटेशन ( Mcd Rotation ) या परिसीमन हो सकता है. इससे आरक्षित हो चुकी उनकी सीट एक बार फिर उनके लिए माकूल बन सकती है .
दिल्ली नगर निगम की सत्ता पर काबिज बीजेपी के पार्षद (bjp councilor ) अब दलील देते फिर रहे है कि दिल्ली नगर निगम का एकीकरण होने से निगम की व्यवस्था मजबूत होगी, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि सत्ता का सुख भोग रहे ये पार्षद अपने कार्यकाल में किसी भी अधिकारिक मंच पर यह कहते हुए नहीं दिखे की दिल्ली नगर निगम को एक किया जाए .
बीते 15 साल से निगम की सत्ता में बैठी बीजेपी निगम की खस्ताहाल होने की वजह बीते 7 सालों से दिल्ली की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी ( Aam aadmi party ) की अरविंद केजरीवाल (arvind kejariwal ) सरकार को बताती रही है .
भाजपा पार्षदो का कहना रहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली नगर निगम को उसके हिस्से का पैसा नहीं दे रही है जिसकी वजह से निगम अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पा रहा है .
फण्ड की मांग को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ भाजपा पार्षद धरना , पारदर्श, मार्च तक निकाल चुके है लेकिन एकीकरण की मांग को लेकर किसी भी तरफ का आंदोलन नहीं किया गया .
अब केंद्र सरकार की मंशा जाहिर होते ही ये पार्षद एकीकरण की राग अलाप रहें है .
आपको बता दें दिल्ली की अलग अलग निगमों का कार्यकाल 21 मई तक पूरा हो रहा है , इससे पहले चुनाव आयोग को चुनाव कराना है , चुनाव आयोग ने चुनाव की सारी तैयारियां पूरी कर ली थी , इससे पहले केंद्र सरकार के दिल्ली की तीनों निगमों को एक करने को लेकर चुनाव आयोग से कानूनी राय मांगी गई , जिससे बाद चुनाव आयोग ने चुनाव के तिथि की घोषणा टाल दी .